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भारतीय सार्वजनिक स्र्ास््य मािक

(Indian Public Health Standard)


(IPHS)
प्राथममक केंद्र के मिए दिशानििे श
Revised 2012

स्र्ास््य सेर्ा महानििे शािय


स्र्ास््य एर्ं पररर्ार कल्याण मंत्रािय
भारत सरकार

1|Page
विषय सच
ू ी :-

पररचय : प्राथममक स्र्ास््य केन्द्द्र ............................................................................................................. 4

भारतीय सर्वजनिक स्र्ास्थ मािकों का PHC के मिए उद्देश्य ................................................................... 5

IPHS मािको को परू ा करिे के मिए प्राथममक स्र्ास््य केंद्र द्र्ारा िी जािे र्ािी सेर्ायें..................... 5

मैनपािर ................................................................................................................................................... 6

चचककत्सा िे खभाि ................................................................................................................................ 7

OPD सेर्ाएं ............................................................................................................................................ 7

24 घंटे आपातकािीि सेर्ाएं ................................................................................................................. 7

रे फरि सेर्ाएं ........................................................................................................................................ 7

आन्द्तररक रोगी सेर्ायें (6 बिस्तर) ...................................................................................................... 7

मात ृ और िाि-स्र्ास््य (MCH) .................................................................................................................. 7

िर्जात मशशु की िे खभाि ....................................................................................................................... 9

िच्चे की िे खभाि .................................................................................................................................. 10

जििी सरु क्षा योजिा ............................................................................................................................. 11

जििी मशशु सरु क्षा कायवक्रम (जेएसएसके) ............................................................................................ 12

गभवर्ती मदहिाओं के हक़ .................................................................................................................. 12

पररर्ार नियोजि .................................................................................................................................... 13

गभवधारण का मेडिकि टममविेशि........................................................................................................... 14

अिि
ु ध
ं 1 : राष्ट्रीय टीकाकरण अिस
ु च
ू ी, मशशओ
ु ,ं िच्चों और गभवर्ती मदहिाओं के मिए................... 15

अिि
ु ध
ं 2: PHC का िक्शा ..................................................................................................................... 16

अिि
ु ध
ं 2A : OT का िक्शा ................................................................................................................. 17

अिि
ु ध
ं 3: निम्ि की सच
ू ी – उपकरण, फिीचर, रीजेंट्स एर्ं िाइग्िोस्स्टक ककट .................................. 18

अनब
ु ध
ं 6 : ..................... 38

अनब
ु ंध 8 : ........................................... 43

2|Page
अनुबंध 9 : IPHS के अनुसार PHC सिे के लिए प्रारूप .................................................................. 45

अिि
ु ध
ं 11 A : प्रारूप P साप्तादहक ररपोदटिं ग प्रारूप – IDSP ................................................................ 58

अिि
ु ध
ं 11B: अिि
ु ध
ं 11 A : प्रारूप L साप्तादहक ररपोदटिं ग प्रारूप – IDSP ....................................................... 59

अिि
ु ध
ं 11 C: पर्
ू व चेतार्िी के संकेतों / फैििे की तात्कामिक ररपोदटिं ग के मिए प्रारूप.................... 60

अिि
ु ध
ं 12: र्ैधानिक और नियामक अिप
ु ािि की सच
ू ी ..................................................................... 61

अिि
ु ध
ं 13 : संक्षक्षप्ती शब्िों की सच
ू ी .................................................................................................. 62

सन्द्िभव .................................................................................................................................................... 64

IPHS को पि
ु ः तैयार करिे र्ािे कायविि के सिस्यों की सच
ू ी ............................................................. 65

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पररचय : प्राथलमक स्िास््य केन्द्र

प्राथममक स्र्ास््य केंद्र ग्रामीण स्र्ास््य सेर्ा के मिए एक आधारमशिा है I यह योग्य चचककत्सक
प्रास्प्त का पहिा बिंि ु है जहााँ ग्रामीण िोग उपस्र्ास््य केंद्र से रे फेर ककये जाते है िीमारी से िचार् र्
मस्ु क्त के मिएI

पहाड़ी, जिजातीय या कदिि क्षेत्रो में एक PHC 20000 तक आिािी कर्र करती है तथा प्िेि क्षेत्र
में 30000 तक की आिािी कर्र करती है , 6 आन्द्तररक/अर्िोकि बिस्तरों सदहत I यह 6 उप-
केन्द्द्रों के मिए एक रे फरि इकाई और CHC (30 बिस्तरों र्ािे अस्पताि) एर्ं स्जिे और उप-स्जिो
के मिए रे फेर आउट के रूप में कायव करती है , हािााँकक िे श का जिसंख्या घित्र् हर जगह एक जैसा
िहीं होता इसीमिए PHC की संख्या केस भार पर निभवर करती है I PHC को िमसिंग सवु र्धा के साथ
24 घंटे सवु र्धा प्रिाि करिे र्ािी संस्था होिी चादहए I िड़े ब्िाक में स्स्थत कु PHCs जो
CHC/FRU से 1 घंटे की िरू ी पर स्स्थत है , र्हााँ MO की संख्या िढ़I कर 24 घंटे सवु र्धा िे िे र्ािे
आपातकािीि हॉस्स्पटि में अपग्रेि कर सकते है , जहांतक हो, PHCs के मिए भी IPHS मािक
CHC की तरह होिे चादहए I

ककसी भी संस्था की गण
ु र्त्ता को सध
ु ारिे में मािक का िहोत योगिाि होता है I आिशव मािको से
ति
ु िा करके ककसी भी PHC की स्स्थनत कक जांच की जा सकती है I मािक आर्श्यकता के
अिस
ु ार (भर्ि, मैिपॉर्र, उपकरण, िर्ाइयों या अन्द्य सवु र्धाओ) िििते रहे िा चादहए जैसा कक हाि
में IPHS मािको में कु पररर्तवि (गैर संचारी िीमारी के सन्द्िभव में ) ककया गया है I

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भारतीय सिवजननक स्िास्थ मानकों का PHC के लिए उद्देश्य

1. प्राथममक स्र्ास््य केंद्र द्र्ारा व्यापक प्राथममक स्र्ास््य सेर्ाएं, समि


ु ाय को प्रिाि की जािे की
उम्मीि की जाती है I
2. इि सवु र्धाओं के मिए, िे खभाि की, एक स्र्ीकायव गण
ु र्त्ता (acceptable quality) को ििाए
रखिे के मिए
3. इि सवु र्धाओं की निगरािी और पयवर्क्ष
े ण को सग
ु म ििािे के मिए
4. उपिब्ध कराई गयी सेर्ाओं को अचधक उत्तरिायी ििािे के मिए

IPHS मानको को परू ा करने के लिए प्राथलमक स्िास््य केंर द्िारा दी जाने
िािी सेिायें

सेर्ा वर्तरण के दृष्ट्टीकोण से, पीएचसी िो प्रकार के हो सकते हैं, यह प्रसर् के मामिे िोि पर भी
निभवर करता है – टाइप A और टाइप B

टाइप A: PHC स्जिमे एक माह में प्रसर् का भार 20 से कम हो

टाइप िी: PHC स्जिमे एक माह में प्रसर् का भार 20 या अचधक हो

PHC द्र्ारा िी जािे र्ािी सभी सेर्ाओ को आर्श्यक (निम्ितम आर्श्यक सेर्ायें) एर्ं र्ांन त
(स्जन्द्हें राज्य/UTs को प्रिाि ककया जािे का प्रयास करिा चादहए)

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मैनपािर

स्टाफ टाइप A टाइप B


Essential/ Desirable/ Essential/ Desirable/
अनिवार्य वाांनित अनिवार्य वाांनित
मेनिकल ऑफिसर – MBBS 1 1 1#

मेनिकल ऑफिसर – आर्ुष 1^ 1^


अकाउां ट सह िाटा एांट्री ऑपरेटर 1 1
िामायनसस्ट 1 1
िामायनसस्ट – आर्ुष 1 1

िसय – नमिवाइि (स्टाि –िसय ) 3 +1 4 +1


स्वास््र् कार्यकर्त्ाय (मनहला) 1* 1*
स्वास््र् सहार्क (पुरुष) 1 1
स्वास््र् सहार्क (मनहला)/ लेिी हेल्थ नवनिटर 1 1
स्वास््र् निक्षक 1 1
प्रर्ोगिाला के तकिीनिर्ि 1 1
कोल्ि चेि और वैक्सीि लोनिनस्टक सहार्क 1 1
बहु कु िल ग्रुप िी कार्यकताय 2 2
स्वच्िता कार्यकताय सह चौकीदार 1 1
कु ल 13 18 14 21

*
PHC के उपस्र्ास््य केंद्र क्षेत्र के मिए

#
यदि प्रनत माह प्रसर् कक संख्या 30 या उससे अचधक होI िो में से एक मेडिकि ऑकफसर

(MBBS) मदहिा होिी चादहएI

^ ऐसे क्षेत्र के मिए वर्कल्प प्रिाि करिे के मिए, जहााँ आसपास के क्षेत्र में आयष
ु जि

स्र्ास््य की सवु र्धा उपिब्ध िहीं है ।

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चचककत्सा दे खभाि
आर्श्यक

OPD सेिाएं: सप्ताह के 6 दििों में 6 घंटे OPD की सेर्ायें स्जसमे से 4 घंटे सिु ह एर्ं 2 घंटे
िोपहर में होिा चादहए I राज्य के अिस
ु ार समय में िििार् हो सकता है I प्रनत िॉ. प्रनत दिि ४०
रोचगयों को िे खे जािे की उम्मीि की जाती है I इसके अनतररक्त MO से उम्मीि की जाती है की र्ो
कम से कम २ घंटे प्रनत दिि PHC में उपस्स्थत रहे एर्ं सप्ताह में िो िार फील्ि कायव र् निगरािी
करे I

24 घंटे आपातकािीन सेिाएं

रे फरि सेिाएं

आन्द्तररक रोगी सेिायें (6 बबस्तर)

मात ृ और बाि-स्िास््य (MCH)


मात ृ स्र्ास््य

i. प्रसर् पर्
ू व िे खभाि :
आर्श्यक
 पहिी नतमाही के अन्द्िर सभी गभवधारण का प्रारं मभक पंजीकरण (गभवर्स्था के १२ र्े सप्ताह से
पहिे). िेककि यदि एक मदहिा पंजीकरण के मिए अपिे गभवर्स्था में िे र से आती है ,तो उन्द्हें
भी पंजीकृत ककया जािा चादहए और गभवधारण के उम्र के अिस
ु ार िे खभाि दिया जािा चादहए.
 पंजीकरण के साथ न्द्यि
ू तम ४ प्रसर् पर्
ू व िे खभाि. प्रसर् पर्
ू व जांच (ANC visits) के मिए सझ
ु ार्
दिया गया अिस
ु च
ू ी
पहिी जांच : १२ सप्ताह के भीतर – अचधमाितः स्जतिी जल्िी गभवधारण के रूप में आशंका
होती है (pregnancy is suspected)- पहिी प्रसर् पर्
ू व जांच, पंजीकरण और इनतहास.
िस
ू री जांच : १४ और २६ सप्ताह के िीच में
तीसरी जांच : २८ और ३४ सप्ताह के िीच में
चौथी जांच : ३६ सप्ताह और अर्चध के िीच में
 सम्िन्द्धी सेर्ाएं जैसे सामान्द्य परीक्षा में जैसे ऊंचाई, र्जि, िी.पी, एिीममया, पेट की परीक्षा, स्ति
परीक्षा, फोमिक एमसि अिप
ु रू ण (पहिा नतमाही), १२ र्े सप्ताह से आयरि और फोमिक एमसि

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अिप
ु रू ण, दटटिेस टॉक्साइि इंजेक्शि, एिेममया की इिाज आदि, (ए.एि.एम ् िसों और एि.एच.वर् के
द्र्ारा दिशा नििे शों के अिस
ु ार प्रसर् पर्
ू व सेर्ा और जन्द्म के समय स्स्कल्ि अटें िेंस)
 सभी प्रसर् पर्
ू व माताओं द्र्ारा तंिाकू के इस्तेमाि की ररकॉडििंग
 न्द्यि
ू तम प्रयोगशािा जांच जैसे मत्र
ू की जांच गभावर्स्था की पस्ु ष्ट्ट के मिए, हीमोग्िोबिि आकिि,
एल्ब्यमू मि और शग
ु र के मिए मत्र
ू की जांच और अन्द्य आर्श्यक परीक्षणों
 आश्र्ामसत सेर्ा प्रिाि करिे के मिए िाम के आधार पर सभी गभवर्ती मदहिाओं पर िजर रखिा
(tracking)
 हाई ररस्क गभावर्स्था के मामिों की पहचाि
 गभावर्स्था के िौराि खतरे के संकेत का पहचाि और प्रिंधि (management of danger signs of
pregnancy)
 मिेररया स्थानिक क्षेत्रों में गभवर्ती मदहिाओं के मिए एि.वर्.िी.िी.मस.पी के दिशा नििे शों के अिस
ु ार
मिेररया रोकथाम
 पहचाि की गयी मामिों की जो की उिके प्रिंधि की क्षमता से परे हैं उिका उचचत और समय पर
रे फेरे ि
 प्रसर् पर्
ू व मााँ जो तंिाकू या धम्र
ु पाि उपयोगकताव है उिको आहार, आराम और तंिाकू िशा उन्द्मि
ू ि पर
परामशव ,िस
ु रे के हाथ में मसगरे ट से होिे र्ािे खतरों के िारे में जािकारी और गभवर्स्था के िौराि
मामि
ू ी समस्याओं, संस्थागत प्रसर् पर सिाह, पर्
ू व जन्द्म की तैयाररयां और जदटिता की तत्परता,
खतरे का संकेत, और यदि घर पर िि
ु ाया है तो स्र्च् और सरु क्षक्षत प्रसर् ,प्रसर् के िाि िे खभाि एर्ं
स्र्च् ता, पोषण, िर्जात मशशु का ख्याि, जन्द्म का पंजीकरण स्तिपाि की िीक्षा (initiation), ६
महीिे तक वर्शेष स्तिपाि, िध
ू वपिािे की मांग, ६ महीिे से अिप
ु रू क खखिािा (िध
ू ु ड़ािे का आयु
(weaning) और अधव िोस (semi-solid) और िोस आहार शरू
ु करिा ), िर्जात और यर्
ु ा िच्चे को
खखिािा, और गभवनिरोधक
 मौजूिा योजिाओं और कायवकमों जैसे जििी सरु क्षा योजिा के तहत प्रार्धािों (provisions) के िारे में
जािकारी प्रिाि करिा
 संदिग्ध आर.टी.आई/एस.टी.आई मामिों को पहचािे और िि
ु यािी प्रिंधि ,परामशव और रे फरि सेर्ाएं
प्रिाि करिा
 प्रसर् पर्
ू व माताओं के मामिें जो चुक गए हैं और ु ट गए है उिके िाम के आधार पर िजर रखिा
ii. प्रसर् के िौराि िे खभाि :
आर्श्यक
 संस्थागत प्रसर् के मिए िढ़ार्ा िे िा
 यदि घर पर िि
ु ाया है तो घर पर ही स्स्कल्ि अटें िेंस (skilled attendance)

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 उच्च जोखखम मामिों (high risk cases) का जो उिके प्रिंधि की क्षमता से परे है उिका उचचत
और समय पर रे फरि

टाइप िी उप स्र्ास्थ केंद्र के मिए आर्श्यक

 पटोग्राफ का उपयोग करते हुए प्रसर् का प्रिंधि करिा


 प्रसर् के समय, खतरों के संकेत का पहचाि और प्रिंधि
 पी.पी.एच, एक्िेम्पमसया, सेपसीस के इिाज मिए, पहचाि में प्रर्ीणता (proficient) और िि
ु यािी
प्राथममक सहायता (basic first aid) और “प्रसर् पर्
ू व िे खभाि और जन्द्म के समय स्स्कल्ि िथव अटें िेंस
(skilled birth attendance)” या एस.िी.ए के दिशा नििे शों के आधार पर इस तरह के मामिों का शीघ्र
रे फरि.
 मााँ और िच्चे को उप स्र्ास्थ केन्द्द्र में कम से कम 24 घंटे प्रसर् के िाि रहिा है । उप स्र्ास्थ केन्द्द्र के
पयावर्रण को िोिों मााँ और िच्चे के मिए स्र्च् और सरु क्षक्षत ककया जािा चादहए ।
iii. प्रसर् के िाि िे खभाि
आर्श्यक
 जन्द्म के एक घंटे के भीतर जल्िी स्तिपाि की शरु
ु आत
 घर और उप स्र्ास्थ केन्द्द्रों में प्रसर् के मिए प्रसर्ोत्तर घर भ्रमण, ०, ३, ७ और ४२ र्े दिि
सनु िस्श्चत करें (िोिों मााँ और िच्चे के मिए )
 संस्थागत प्रसर् के मामिों के मिए ३, ७ और ४२ र्ें दिि के िौरे को सनु िस्श्चत करें .
 जन्द्म के समय कम र्जि के िच्चे ( २५०० ग्राम से कम ) के मामिे में, १४, २१ और २८ र्ें दििों
में अनतररक्त िौरे में जािे का तय करिा है.
 प्रसर्ोत्तर के िौरे के िौराि, यदि जरुरत पड़ी तो, आईएमएिसीआई दिशानििे श के अिस
ु ार
मााँ के िे खभाि और िर्जात मशशु को खखिािा, िीमारी और जन्द्मजात असामान्द्यताएं
(congenital abnormalities) के संकेत के मिए िर्जात मशशु की परीक्षा के िारे सिाह िे िा.
 आहार और आराम, स्र्च् ता, गभवनिरोधक, आर्श्यक िर्जात मशशु का िे खभाि, टीकाकरण,
मशशु और िािक को खखिािा, एस.टी.आई/आर.टी.आई और एच.आई.र्ी/एड्स पर परामशव.
 पी.एि.सी मामिें जो चक
ु गए हैं और ु ट गए हैं उिका िाम के आधार पर िजर रखिा.

निजात लििु की दे खभाि


आिश्यक

1. आर्श्यक मशशु िे खभाि (ENBC) एर्ं पि


ु जीर्ि के मिए प्रसर् कक्ष में िर्जात की
िे खभाि (newborn care corner) के मिए नििे श अिि
ु ध
ं 3 अ में िी गयी है I

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2. िच्चे को जल्ि से जल्ि स्तिपाि करिा चादहए I

3. प्रसर् पर्
ू व िे खभाि और जन्द्म के समय ए.एि.एम ् िसों और एि.एच.वर् के स्स्कल्ि अटें िेंस
(skilled attendance) के दिशा नििे श के अिस
ु ार, आर्श्यक मशशु िे खभाि (शरीर के
तापमाि को ििाये रखिा और हाइपोथममवया को रोकिे के मिए [गमी (warmth) का
प्रार्धाि/कंगारू मिर केयर (kangaroo mother care)(के.एम ्.सी)], ऐरर्े (airway) और
सांस िेिे को ििाये रखिे के मिए, एक घंटे के अन्द्िर स्तिपाि आरं भ करिा, संक्रमण से
सरु क्षा, िाि की िे खभाि, और आाँखों की िे खभाि)

बच्चे की दे खभाि
 िर्जात की एकीकृत प्रिंधि और िचपि िीमाररयों (IMNCI) दिशानििे श के
अिस
ु ार नियममत एर्ं आपातकािीि प्रिंधि रोगी िच्चे का होिा चादहएI भती हुए
िच्चे का उचचत रखरखार् एर्ं रे फेरि सवु र्धा होिी चादहए I

 ६ महीिे के मिए वर्शेष स्तिपाि (exclusive breast feeding) के िारे और स्तिपाि जारी
रखिे के िौराि ६ महीिे के उम्र से उचचत और पयावप्त परू क खखिािे (complementary
feeding) के ऊपर परामशव. (मदहिा एर्ं िाि वर्कास मंत्रािय, भारत सरकार, द्र्ारा, मशशु
और िच्चे को खखििे के ऊपर राष्ट्रीय दिशा नििे श के अिस
ु ार)

 वर्कास का आकिि और मशशओ


ु ं और ५ साि के िीचे िच्चों के वर्कास का आकिि और
समय पर रे फरि करिा.
 टीकाकरण सेर्ाएं : भारत सरकार के दिशा नििे शों के अिस
ु ार टीका निर्ारणीय रोगों के
खखिाफ (against vaccine preventable diseases) सभी मशशओ
ु ं और िच्चों का पण
ू व
टीकाकरण.(अिि
ु ध
ं १ पर र्तवमाि टीकाकरण अिस
ु च
ू ी)
 राष्ट्रीय दिशानििे श के अिस
ु ार िच्चों को वर्टाममि ए के रोगनिरोध (prophylaxis)
 आईएमएिसीआई रणिीनत ( strategy) के साथ िचपि के रोगों जैसे कुपोषण, संक्रमण,
िस्त, िख
ु ार, एिीममया, तीव्र श्र्सि संक्रमण (ARI) आदि का रोकथाम और नियंत्रण.
 पण
ू व टीकाकरण कर्रे ज को सनु िस्श्चत करिे के मिए सारे मशशओ
ु ं और िच्चों का िाम के
आधार पर िजर रखिा.
 टीकाकरण के िाि प्रनतकूि घटिाओं (adverse events) की पहचाि और िाि की जांच
(follow up) और रे फरि और ररपोदटिं ग.

10 | P a g e
जननी सरु क्षा योजना
जििी सरु क्षा योजिा राष्ट्रीय ग्रामीण स्र्ास््य ममशि (एिआरएचएम) के अंतगवत एक सरु क्षक्षत
मातत्ृ र् हस्तक्षेप है जो इस उद्देश्य से िागू ककया गया है की ये गरीि गभवर्ती मदहिाओं में संस्थागत
प्रसर् को िढ़ार्ा िे गा स्जससे मात ृ मत्ृ यु िर और िर्जात मत्ृ यु िर कम होंगे I ये योजिा प्रसर् और
िाि के वर्तरण की िे खभाि के साथ िकि सहायता एकीकृत करती है I इस योजिा से संस्थागत
प्रसर् के मिए मांग पैिा होती है िेककि साथ – साथ ये भी जरूरी है कक उचचत स्थािों पर 24x7
वर्तरण सेर्ाओं र्ािे सेर्ा केंद्र, िॉक्टरों, मध्य पस्त्ियों, िर्ाओं आदि की पयावप्त संख्या रहे I मख्
ु या
रूप से ये यह सनु िस्श्चत करता है

 प्रत्येक िस्ती (गांर् या एक शहरी क्षेत्र में एक र्ािव) को एक कायावत्मक स्र्ास््य केंद्र (
सार्वजनिक या निजी संस्था से मान्द्यता प्राप्त है जहां 24x7 वर्तरण सेर्ा उपिब्ध है ) से
मिंक करता है I

 इि कायावत्मक स्र्ास््य केन्द्द्र से एक आशा या स्र्स््य कायवकताव को ममिािा I

 ये सनु िस्श्चत करिा अनिर्ायव है कक आशा सभी गभवर्ती मदहिाओं और िर्जात मशशओ
ु ं की
जािकारी रखे I सारे गभवर्ती मदहिाओं और िर्जात मशशओ
ु ं को एएिसी आर टीकाकरण की
सवु र्धाओं का उपयोग करिा चादहए, अगर स्र्स््य केंद्र से िहीं तो जो मामसक स्र्ास््य और
पोषण दिि आंगिर्ािी या उप स्र्स््य केंद्र में मिाया जाता है , ति उपयोग कर िें I

 हर एक गभवर्ती मदहिा का िाम िजव होिा चादहए और एक सक्ष्


ू म जन्द्म योजिा ििाई जािी
चादहए I

 हर एक गभवर्ती मदहिा का एएिसी की जााँच के मिए पता िगाया जाता है I

 हर एक गभवर्ती मदहिा के मिए एक प्रसर् स्थाि पहिे से िाम िजव होिे के समय
सनु िस्श्चत ककया जाता है और मदहिा को उसके िारे में सचू चत भी ककया जाता है I

 एक रे फरि केंद्र की पहचाि की जाती है और इसके िारे में गभवर्ती मदहिा को सचू चत ककया
जाता है I

 आशा और एएिएम को ये सनु िस्श्चत करिा चादहए की पयावप्त पैसे गभवर्ती मदहिाओं को
अिा करिे के मिए उपिब्ध हो I

 आशा ऐसे पयावप्त किम िेती है स्जससे गभवर्ती मदहिाओं को सनु िस्श्चत स्र्स््य केंद्र के
मिए पररर्हि का आयोजि हो सके I

11 | P a g e
 आशा यह भी सनु िस्श्चत करती है की पैसे स्र्स््य केंद्र में अिा करिे के मिए उप्िाभ्धा हों
और र्ह गभवर्ती मदहिाओं को पहिे से सनु िस्श्चत स्र्स््य केंद्र पर िे कर जाए I

 आशा िकि सहायता के रूप में रे फेरे ि पररर्हि के मिए, िकि प्रोत्साहि और व्यर्हार
िागत दिशा नििे शों के अिस
ु ार के रूप में प्रिाि ककया जाएगा I

जननी लििु सरु क्षा कायवक्रम (जेएसएसके)

जेएसएसके 1 जूि, २०११ में शरू


ु हुआ था स्जससे गभवर्ती मदहिाओं और िीमार िर्जात मशशओ
ु ं
को मफ्
ु त सवु र्धाएं सार्वजनिक स्र्स््य संस्थाओं से ममिती हैं I ये योजिा ये सनु िस्श्चत करती है
कक मफ्
ु त और िक़िदहि ् सवु र्धाएं गभवर्ती मदहिाओं को िामवि और सीज़ेररयि प्रसर् के मिए
ममिें और गरीि िर्जात मशशओ
ु ं (केर्ि जन्द्म से ३० दिि तक ) के इिाज के मिए भी प्रिे श के
सारे सरकारी स्र्स््य केन्द्द्रों में ममिे I

ये योजिा जेएसर्ाय के िकि भग


ु ताि में मिि करता है और गभवर्ती मदहिाओं और िीमार
िर्जात मशशओ
ु ं के जेि से खचे व्यय को कम करिे में मिि करता है I

गभविती महििाओं के िक़
1. मफ्
ु त और शन्द्
ू य खचव से प्रसर् होिा

2. मफ्
ु त िर्ाइयां और िाकक जरूरी चीजें

3. मफ्
ु त जााँच (खूि, मत्र
ू परीक्षण और अल्रासोिोग्राफी आदि के मिए आर्श्यकता के अिस
ु ार )

4. स्र्ास््य संस्थािों में प्रर्ास के िौराि मफ्


ु त आहार (िामवि प्रसर् से 3 दिि तक और
सीजेररयि से 7 दिि तक )

5. खूि की मफ्
ु त सवु र्धा

6. मफ्
ु त रांसपोटव घर से स्र्स््य केंद्र तक, केन्द्द्रों के िीच रे फरि के िौराि और केंद्र से घर तक
ोड़िे की सवु र्धा भी

7. हर तरह के उपयोगकताव प्रभार की ूट

12 | P a g e
जन्द्म से ३० हदन तक निजात लििओ
ु ं के िक़

1. मफ्
ु त और शन्द्
ू य खचव का इिाज

2. मफ्
ु त िर्ाइयां और उपभोग्य र्स्तए
ु ं

3. मफ्
ु त जााँच

4. स्र्ास््य संस्थािों में प्रर्ास के िौराि मफ्


ु त आहार (िामवि प्रसर् से 3 दिि तक और
सीजेररयि से 7 दिि तक )

5. खि
ू की मफ्
ु त सवु र्धा

6. मफ्
ु त रांसपोटव घर से स्र्स््य केंद्र तक, केन्द्द्रों के िीच रे फरि के िौराि और केंद्र से घर तक
ोड़िे की सवु र्धा भी

पररिार ननयोजन
आिश्यक

 उचचत पररर्ार नियोजि के तरीके अपिािे के मिए मशक्षा, प्रेरणा और परामशव िे िा I

 गभवनिरोधक सेर्ायों की उपिब्धता जैसे कॉन्द्िोम, ओरि वपल्स , इमरजेंसी गभवनिरोधक ,


आईयस
ू ीिी प्रवर्ष्ट्ट करिा I

 रे फेरि एर्ं फॉिो अप सवु र्धाएं उि पात्र िम्पनतयों के मिए जो ककसी पररर्ार नियोजि सेर्ा
का इस्तेमाि कर रहे हैं (ट्यि
ू कटोमी/ र्ेसकटोमी)

 निः संताि र्ािे जोड़ों के मिए उचचत रे फरि और परामशव

 जहां प्रमशक्षक्षत कममवयों और सवु र्धा मौजूि हो र्हााँ ट्यि


ू िीगेशि एर्ं परु
ु ष िसिंिी / एिएसर्ी
की तरह स्थायी तरीकों की सवु र्धाएं होिा I

13 | P a g e
गभवधारण का मेडिकि टलमवनेिन
आिश्यक

परामशव और जरूरत में िोगों के मिए सरु क्षक्षत गभवपात सेर्ाएं (एमटीपी) के मिए उपयक्
ु त रे फरि।

िांनित

जहााँ रे निंग हुई हो , PHC में MVA (Manual Vacuum Aspiration) की सवु र्धा होिी चादहएI

२ बत्रमाह में MTP के मिए संस्था से अिम


ु ोिि होिा चादहए रे फेरि के मिए

प्रजनन पथ संक्रमण / यौन संचररत संक्रमणों का प्रबंधन


पोषण सेिा (ICDS के साथ समन्द्िय)
स्कूि स्िास््य
work continue

14 | P a g e
अनब
ु ंध 1 : राष्ट्रीय टीकाकरण अनस
ु च
ू ी, लििओ
ु ं, बच्चों और गभविती महििाओं
के लिए

15 | P a g e
अनब
ु ंध 2: PHC का नक्िा

16 | P a g e
अनुबंध 2A : OT का नक्िा

17 | P a g e
अनब
ु ंध 3: ननम्न की सच
ू ी – उपकरण, फनीचर, रीजेंट्स एिं िाइग्नोस्स्टक ककट

18 | P a g e
19 | P a g e
20 | P a g e
अनब
ु ध
ं 3A : OT/प्रसि कमरे में निजात का कोना

21 | P a g e
अनब
ु ध
ं 4 : प्रस्तावित दिाइयों की सच
ू ी

22 | P a g e
23 | P a g e
24 | P a g e
25 | P a g e
26 | P a g e
27 | P a g e
28 | P a g e
29 | P a g e
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31 | P a g e
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33 | P a g e
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35 | P a g e
36 | P a g e
37 | P a g e
अनब
ु ंध 6 :

38 | P a g e



39 | P a g e

40 | P a g e


severe dehydration



 gastroenteritis

41 | P a g e

 level of consciousness
 convulsions

 PHC

 PHC

 HIV / AIDS,


42 | P a g e
ु ंध 8 :
अनब

IPHS

1.
2.
3.
4.
5.
6.
7.



 x


43 | P a g e





44 | P a g e
अनब
ु ंध 9 : IPHS के अनस
ु ार PHC सिे के लिए प्रारूप

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47 | P a g e
48 | P a g e
49 | P a g e
50 | P a g e
51 | P a g e
52 | P a g e
53 | P a g e
अिि
ु ध
ं 10 : संस्था आधाररत मात ृ मत्ृ यु समीक्षा प्रारूप

िोट: यह फॉमव होिे र्ािी सभी म्रत्यु के मिए भरे जािे चादहएI इसके अंतगवत गभवपात, एक्टोवपक
गेस्टे शि से सम्िंचधत मत्ृ य,ु गभावर्स्था समापि के 42 दििों के अन्द्िर गभवर्ती की मत्ृ यु सभी आते
हैं, चाहे ककसी भी समय या साईट पर हो I

केस ररकॉिव की प्रनत को इस प्रारूप के साथ िगायें

माता की म्रत्यु के 24 घंटे के अंिर मात ृ म्रत्यु का फामव (कािवि कॉपी सदहत) भरें , ओररस्जिि फामव
संस्था में रहे गा एर्ं कािवि कॉपी को उस पररर्ार को िे दिया जायेगा स्जसमें म्रत्यु हुई है I

केर्ि कायाविय के उपयोग के मिए :

FB-MDR No.: र्षव:

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55 | P a g e
56 | P a g e
अनब
ु ंध 11 : IDSP प्रोजेक्ट प्रारूप

57 | P a g e
अनब
ु ंध 11 A : प्रारूप P साप्ताहिक ररपोहटिं ग प्रारूप – IDSP

58 | P a g e
अनब
ु ंध 11B: अनब
ु ंध 11 A : प्रारूप L साप्ताहिक ररपोहटिं ग प्रारूप – IDSP

59 | P a g e
अनब
ु ंध 11 C: पि
ू व चेतािनी के संकेतों / फैिने की तात्कालिक ररपोहटिं ग के
लिए प्रारूप

60 | P a g e
अनब
ु ंध 12: िैधाननक और ननयामक अनप
ु ािन की सच
ू ी

61 | P a g e
अनब
ु ंध 13 : संक्षक्षप्ती िब्दों की सच
ू ी

62 | P a g e
63 | P a g e
सन्द्दभव

64 | P a g e
IPHS को पन
ु ः तैयार करने िािे कायवदि के सदस्यों की सच
ू ी

65 | P a g e
स्र्ास््य सेर्ा महानििे शािय
स्र्ास््य एर्ं पररर्ार कल्याण मंत्रािय
भारत सरकार

66 | P a g e

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