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विषय सच
ू ी :-
IPHS मािको को परू ा करिे के मिए प्राथममक स्र्ास््य केंद्र द्र्ारा िी जािे र्ािी सेर्ायें..................... 5
मैनपािर ................................................................................................................................................... 6
अिि
ु ध
ं 1 : राष्ट्रीय टीकाकरण अिस
ु च
ू ी, मशशओ
ु ,ं िच्चों और गभवर्ती मदहिाओं के मिए................... 15
अिि
ु ध
ं 2: PHC का िक्शा ..................................................................................................................... 16
अिि
ु ध
ं 2A : OT का िक्शा ................................................................................................................. 17
अिि
ु ध
ं 3: निम्ि की सच
ू ी – उपकरण, फिीचर, रीजेंट्स एर्ं िाइग्िोस्स्टक ककट .................................. 18
अनब
ु ध
ं 6 : ..................... 38
अनब
ु ंध 8 : ........................................... 43
2|Page
अनुबंध 9 : IPHS के अनुसार PHC सिे के लिए प्रारूप .................................................................. 45
अिि
ु ध
ं 11 A : प्रारूप P साप्तादहक ररपोदटिं ग प्रारूप – IDSP ................................................................ 58
अिि
ु ध
ं 11B: अिि
ु ध
ं 11 A : प्रारूप L साप्तादहक ररपोदटिं ग प्रारूप – IDSP ....................................................... 59
अिि
ु ध
ं 11 C: पर्
ू व चेतार्िी के संकेतों / फैििे की तात्कामिक ररपोदटिं ग के मिए प्रारूप.................... 60
अिि
ु ध
ं 12: र्ैधानिक और नियामक अिप
ु ािि की सच
ू ी ..................................................................... 61
अिि
ु ध
ं 13 : संक्षक्षप्ती शब्िों की सच
ू ी .................................................................................................. 62
सन्द्िभव .................................................................................................................................................... 64
IPHS को पि
ु ः तैयार करिे र्ािे कायविि के सिस्यों की सच
ू ी ............................................................. 65
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पररचय : प्राथलमक स्िास््य केन्द्र
प्राथममक स्र्ास््य केंद्र ग्रामीण स्र्ास््य सेर्ा के मिए एक आधारमशिा है I यह योग्य चचककत्सक
प्रास्प्त का पहिा बिंि ु है जहााँ ग्रामीण िोग उपस्र्ास््य केंद्र से रे फेर ककये जाते है िीमारी से िचार् र्
मस्ु क्त के मिएI
पहाड़ी, जिजातीय या कदिि क्षेत्रो में एक PHC 20000 तक आिािी कर्र करती है तथा प्िेि क्षेत्र
में 30000 तक की आिािी कर्र करती है , 6 आन्द्तररक/अर्िोकि बिस्तरों सदहत I यह 6 उप-
केन्द्द्रों के मिए एक रे फरि इकाई और CHC (30 बिस्तरों र्ािे अस्पताि) एर्ं स्जिे और उप-स्जिो
के मिए रे फेर आउट के रूप में कायव करती है , हािााँकक िे श का जिसंख्या घित्र् हर जगह एक जैसा
िहीं होता इसीमिए PHC की संख्या केस भार पर निभवर करती है I PHC को िमसिंग सवु र्धा के साथ
24 घंटे सवु र्धा प्रिाि करिे र्ािी संस्था होिी चादहए I िड़े ब्िाक में स्स्थत कु PHCs जो
CHC/FRU से 1 घंटे की िरू ी पर स्स्थत है , र्हााँ MO की संख्या िढ़I कर 24 घंटे सवु र्धा िे िे र्ािे
आपातकािीि हॉस्स्पटि में अपग्रेि कर सकते है , जहांतक हो, PHCs के मिए भी IPHS मािक
CHC की तरह होिे चादहए I
ककसी भी संस्था की गण
ु र्त्ता को सध
ु ारिे में मािक का िहोत योगिाि होता है I आिशव मािको से
ति
ु िा करके ककसी भी PHC की स्स्थनत कक जांच की जा सकती है I मािक आर्श्यकता के
अिस
ु ार (भर्ि, मैिपॉर्र, उपकरण, िर्ाइयों या अन्द्य सवु र्धाओ) िििते रहे िा चादहए जैसा कक हाि
में IPHS मािको में कु पररर्तवि (गैर संचारी िीमारी के सन्द्िभव में ) ककया गया है I
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भारतीय सिवजननक स्िास्थ मानकों का PHC के लिए उद्देश्य
IPHS मानको को परू ा करने के लिए प्राथलमक स्िास््य केंर द्िारा दी जाने
िािी सेिायें
सेर्ा वर्तरण के दृष्ट्टीकोण से, पीएचसी िो प्रकार के हो सकते हैं, यह प्रसर् के मामिे िोि पर भी
निभवर करता है – टाइप A और टाइप B
PHC द्र्ारा िी जािे र्ािी सभी सेर्ाओ को आर्श्यक (निम्ितम आर्श्यक सेर्ायें) एर्ं र्ांन त
(स्जन्द्हें राज्य/UTs को प्रिाि ककया जािे का प्रयास करिा चादहए)
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मैनपािर
*
PHC के उपस्र्ास््य केंद्र क्षेत्र के मिए
#
यदि प्रनत माह प्रसर् कक संख्या 30 या उससे अचधक होI िो में से एक मेडिकि ऑकफसर
^ ऐसे क्षेत्र के मिए वर्कल्प प्रिाि करिे के मिए, जहााँ आसपास के क्षेत्र में आयष
ु जि
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चचककत्सा दे खभाि
आर्श्यक
OPD सेिाएं: सप्ताह के 6 दििों में 6 घंटे OPD की सेर्ायें स्जसमे से 4 घंटे सिु ह एर्ं 2 घंटे
िोपहर में होिा चादहए I राज्य के अिस
ु ार समय में िििार् हो सकता है I प्रनत िॉ. प्रनत दिि ४०
रोचगयों को िे खे जािे की उम्मीि की जाती है I इसके अनतररक्त MO से उम्मीि की जाती है की र्ो
कम से कम २ घंटे प्रनत दिि PHC में उपस्स्थत रहे एर्ं सप्ताह में िो िार फील्ि कायव र् निगरािी
करे I
रे फरि सेिाएं
i. प्रसर् पर्
ू व िे खभाि :
आर्श्यक
पहिी नतमाही के अन्द्िर सभी गभवधारण का प्रारं मभक पंजीकरण (गभवर्स्था के १२ र्े सप्ताह से
पहिे). िेककि यदि एक मदहिा पंजीकरण के मिए अपिे गभवर्स्था में िे र से आती है ,तो उन्द्हें
भी पंजीकृत ककया जािा चादहए और गभवधारण के उम्र के अिस
ु ार िे खभाि दिया जािा चादहए.
पंजीकरण के साथ न्द्यि
ू तम ४ प्रसर् पर्
ू व िे खभाि. प्रसर् पर्
ू व जांच (ANC visits) के मिए सझ
ु ार्
दिया गया अिस
ु च
ू ी
पहिी जांच : १२ सप्ताह के भीतर – अचधमाितः स्जतिी जल्िी गभवधारण के रूप में आशंका
होती है (pregnancy is suspected)- पहिी प्रसर् पर्
ू व जांच, पंजीकरण और इनतहास.
िस
ू री जांच : १४ और २६ सप्ताह के िीच में
तीसरी जांच : २८ और ३४ सप्ताह के िीच में
चौथी जांच : ३६ सप्ताह और अर्चध के िीच में
सम्िन्द्धी सेर्ाएं जैसे सामान्द्य परीक्षा में जैसे ऊंचाई, र्जि, िी.पी, एिीममया, पेट की परीक्षा, स्ति
परीक्षा, फोमिक एमसि अिप
ु रू ण (पहिा नतमाही), १२ र्े सप्ताह से आयरि और फोमिक एमसि
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अिप
ु रू ण, दटटिेस टॉक्साइि इंजेक्शि, एिेममया की इिाज आदि, (ए.एि.एम ् िसों और एि.एच.वर् के
द्र्ारा दिशा नििे शों के अिस
ु ार प्रसर् पर्
ू व सेर्ा और जन्द्म के समय स्स्कल्ि अटें िेंस)
सभी प्रसर् पर्
ू व माताओं द्र्ारा तंिाकू के इस्तेमाि की ररकॉडििंग
न्द्यि
ू तम प्रयोगशािा जांच जैसे मत्र
ू की जांच गभावर्स्था की पस्ु ष्ट्ट के मिए, हीमोग्िोबिि आकिि,
एल्ब्यमू मि और शग
ु र के मिए मत्र
ू की जांच और अन्द्य आर्श्यक परीक्षणों
आश्र्ामसत सेर्ा प्रिाि करिे के मिए िाम के आधार पर सभी गभवर्ती मदहिाओं पर िजर रखिा
(tracking)
हाई ररस्क गभावर्स्था के मामिों की पहचाि
गभावर्स्था के िौराि खतरे के संकेत का पहचाि और प्रिंधि (management of danger signs of
pregnancy)
मिेररया स्थानिक क्षेत्रों में गभवर्ती मदहिाओं के मिए एि.वर्.िी.िी.मस.पी के दिशा नििे शों के अिस
ु ार
मिेररया रोकथाम
पहचाि की गयी मामिों की जो की उिके प्रिंधि की क्षमता से परे हैं उिका उचचत और समय पर
रे फेरे ि
प्रसर् पर्
ू व मााँ जो तंिाकू या धम्र
ु पाि उपयोगकताव है उिको आहार, आराम और तंिाकू िशा उन्द्मि
ू ि पर
परामशव ,िस
ु रे के हाथ में मसगरे ट से होिे र्ािे खतरों के िारे में जािकारी और गभवर्स्था के िौराि
मामि
ू ी समस्याओं, संस्थागत प्रसर् पर सिाह, पर्
ू व जन्द्म की तैयाररयां और जदटिता की तत्परता,
खतरे का संकेत, और यदि घर पर िि
ु ाया है तो स्र्च् और सरु क्षक्षत प्रसर् ,प्रसर् के िाि िे खभाि एर्ं
स्र्च् ता, पोषण, िर्जात मशशु का ख्याि, जन्द्म का पंजीकरण स्तिपाि की िीक्षा (initiation), ६
महीिे तक वर्शेष स्तिपाि, िध
ू वपिािे की मांग, ६ महीिे से अिप
ु रू क खखिािा (िध
ू ु ड़ािे का आयु
(weaning) और अधव िोस (semi-solid) और िोस आहार शरू
ु करिा ), िर्जात और यर्
ु ा िच्चे को
खखिािा, और गभवनिरोधक
मौजूिा योजिाओं और कायवकमों जैसे जििी सरु क्षा योजिा के तहत प्रार्धािों (provisions) के िारे में
जािकारी प्रिाि करिा
संदिग्ध आर.टी.आई/एस.टी.आई मामिों को पहचािे और िि
ु यािी प्रिंधि ,परामशव और रे फरि सेर्ाएं
प्रिाि करिा
प्रसर् पर्
ू व माताओं के मामिें जो चुक गए हैं और ु ट गए है उिके िाम के आधार पर िजर रखिा
ii. प्रसर् के िौराि िे खभाि :
आर्श्यक
संस्थागत प्रसर् के मिए िढ़ार्ा िे िा
यदि घर पर िि
ु ाया है तो घर पर ही स्स्कल्ि अटें िेंस (skilled attendance)
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उच्च जोखखम मामिों (high risk cases) का जो उिके प्रिंधि की क्षमता से परे है उिका उचचत
और समय पर रे फरि
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2. िच्चे को जल्ि से जल्ि स्तिपाि करिा चादहए I
3. प्रसर् पर्
ू व िे खभाि और जन्द्म के समय ए.एि.एम ् िसों और एि.एच.वर् के स्स्कल्ि अटें िेंस
(skilled attendance) के दिशा नििे श के अिस
ु ार, आर्श्यक मशशु िे खभाि (शरीर के
तापमाि को ििाये रखिा और हाइपोथममवया को रोकिे के मिए [गमी (warmth) का
प्रार्धाि/कंगारू मिर केयर (kangaroo mother care)(के.एम ्.सी)], ऐरर्े (airway) और
सांस िेिे को ििाये रखिे के मिए, एक घंटे के अन्द्िर स्तिपाि आरं भ करिा, संक्रमण से
सरु क्षा, िाि की िे खभाि, और आाँखों की िे खभाि)
बच्चे की दे खभाि
िर्जात की एकीकृत प्रिंधि और िचपि िीमाररयों (IMNCI) दिशानििे श के
अिस
ु ार नियममत एर्ं आपातकािीि प्रिंधि रोगी िच्चे का होिा चादहएI भती हुए
िच्चे का उचचत रखरखार् एर्ं रे फेरि सवु र्धा होिी चादहए I
६ महीिे के मिए वर्शेष स्तिपाि (exclusive breast feeding) के िारे और स्तिपाि जारी
रखिे के िौराि ६ महीिे के उम्र से उचचत और पयावप्त परू क खखिािे (complementary
feeding) के ऊपर परामशव. (मदहिा एर्ं िाि वर्कास मंत्रािय, भारत सरकार, द्र्ारा, मशशु
और िच्चे को खखििे के ऊपर राष्ट्रीय दिशा नििे श के अिस
ु ार)
10 | P a g e
जननी सरु क्षा योजना
जििी सरु क्षा योजिा राष्ट्रीय ग्रामीण स्र्ास््य ममशि (एिआरएचएम) के अंतगवत एक सरु क्षक्षत
मातत्ृ र् हस्तक्षेप है जो इस उद्देश्य से िागू ककया गया है की ये गरीि गभवर्ती मदहिाओं में संस्थागत
प्रसर् को िढ़ार्ा िे गा स्जससे मात ृ मत्ृ यु िर और िर्जात मत्ृ यु िर कम होंगे I ये योजिा प्रसर् और
िाि के वर्तरण की िे खभाि के साथ िकि सहायता एकीकृत करती है I इस योजिा से संस्थागत
प्रसर् के मिए मांग पैिा होती है िेककि साथ – साथ ये भी जरूरी है कक उचचत स्थािों पर 24x7
वर्तरण सेर्ाओं र्ािे सेर्ा केंद्र, िॉक्टरों, मध्य पस्त्ियों, िर्ाओं आदि की पयावप्त संख्या रहे I मख्
ु या
रूप से ये यह सनु िस्श्चत करता है
प्रत्येक िस्ती (गांर् या एक शहरी क्षेत्र में एक र्ािव) को एक कायावत्मक स्र्ास््य केंद्र (
सार्वजनिक या निजी संस्था से मान्द्यता प्राप्त है जहां 24x7 वर्तरण सेर्ा उपिब्ध है ) से
मिंक करता है I
ये सनु िस्श्चत करिा अनिर्ायव है कक आशा सभी गभवर्ती मदहिाओं और िर्जात मशशओ
ु ं की
जािकारी रखे I सारे गभवर्ती मदहिाओं और िर्जात मशशओ
ु ं को एएिसी आर टीकाकरण की
सवु र्धाओं का उपयोग करिा चादहए, अगर स्र्स््य केंद्र से िहीं तो जो मामसक स्र्ास््य और
पोषण दिि आंगिर्ािी या उप स्र्स््य केंद्र में मिाया जाता है , ति उपयोग कर िें I
हर एक गभवर्ती मदहिा के मिए एक प्रसर् स्थाि पहिे से िाम िजव होिे के समय
सनु िस्श्चत ककया जाता है और मदहिा को उसके िारे में सचू चत भी ककया जाता है I
एक रे फरि केंद्र की पहचाि की जाती है और इसके िारे में गभवर्ती मदहिा को सचू चत ककया
जाता है I
आशा और एएिएम को ये सनु िस्श्चत करिा चादहए की पयावप्त पैसे गभवर्ती मदहिाओं को
अिा करिे के मिए उपिब्ध हो I
आशा ऐसे पयावप्त किम िेती है स्जससे गभवर्ती मदहिाओं को सनु िस्श्चत स्र्स््य केंद्र के
मिए पररर्हि का आयोजि हो सके I
11 | P a g e
आशा यह भी सनु िस्श्चत करती है की पैसे स्र्स््य केंद्र में अिा करिे के मिए उप्िाभ्धा हों
और र्ह गभवर्ती मदहिाओं को पहिे से सनु िस्श्चत स्र्स््य केंद्र पर िे कर जाए I
आशा िकि सहायता के रूप में रे फेरे ि पररर्हि के मिए, िकि प्रोत्साहि और व्यर्हार
िागत दिशा नििे शों के अिस
ु ार के रूप में प्रिाि ककया जाएगा I
गभविती महििाओं के िक़
1. मफ्
ु त और शन्द्
ू य खचव से प्रसर् होिा
2. मफ्
ु त िर्ाइयां और िाकक जरूरी चीजें
3. मफ्
ु त जााँच (खूि, मत्र
ू परीक्षण और अल्रासोिोग्राफी आदि के मिए आर्श्यकता के अिस
ु ार )
5. खूि की मफ्
ु त सवु र्धा
6. मफ्
ु त रांसपोटव घर से स्र्स््य केंद्र तक, केन्द्द्रों के िीच रे फरि के िौराि और केंद्र से घर तक
ोड़िे की सवु र्धा भी
12 | P a g e
जन्द्म से ३० हदन तक निजात लििओ
ु ं के िक़
1. मफ्
ु त और शन्द्
ू य खचव का इिाज
2. मफ्
ु त िर्ाइयां और उपभोग्य र्स्तए
ु ं
3. मफ्
ु त जााँच
5. खि
ू की मफ्
ु त सवु र्धा
6. मफ्
ु त रांसपोटव घर से स्र्स््य केंद्र तक, केन्द्द्रों के िीच रे फरि के िौराि और केंद्र से घर तक
ोड़िे की सवु र्धा भी
पररिार ननयोजन
आिश्यक
रे फेरि एर्ं फॉिो अप सवु र्धाएं उि पात्र िम्पनतयों के मिए जो ककसी पररर्ार नियोजि सेर्ा
का इस्तेमाि कर रहे हैं (ट्यि
ू कटोमी/ र्ेसकटोमी)
13 | P a g e
गभवधारण का मेडिकि टलमवनेिन
आिश्यक
परामशव और जरूरत में िोगों के मिए सरु क्षक्षत गभवपात सेर्ाएं (एमटीपी) के मिए उपयक्
ु त रे फरि।
िांनित
जहााँ रे निंग हुई हो , PHC में MVA (Manual Vacuum Aspiration) की सवु र्धा होिी चादहएI
14 | P a g e
अनब
ु ंध 1 : राष्ट्रीय टीकाकरण अनस
ु च
ू ी, लििओ
ु ं, बच्चों और गभविती महििाओं
के लिए
15 | P a g e
अनब
ु ंध 2: PHC का नक्िा
16 | P a g e
अनुबंध 2A : OT का नक्िा
17 | P a g e
अनब
ु ंध 3: ननम्न की सच
ू ी – उपकरण, फनीचर, रीजेंट्स एिं िाइग्नोस्स्टक ककट
18 | P a g e
19 | P a g e
20 | P a g e
अनब
ु ध
ं 3A : OT/प्रसि कमरे में निजात का कोना
21 | P a g e
अनब
ु ध
ं 4 : प्रस्तावित दिाइयों की सच
ू ी
22 | P a g e
23 | P a g e
24 | P a g e
25 | P a g e
26 | P a g e
27 | P a g e
28 | P a g e
29 | P a g e
30 | P a g e
31 | P a g e
32 | P a g e
33 | P a g e
34 | P a g e
35 | P a g e
36 | P a g e
37 | P a g e
अनब
ु ंध 6 :
38 | P a g e
39 | P a g e
40 | P a g e
severe dehydration
gastroenteritis
41 | P a g e
level of consciousness
convulsions
PHC
PHC
HIV / AIDS,
42 | P a g e
ु ंध 8 :
अनब
IPHS
1.
2.
3.
4.
5.
6.
7.
x
43 | P a g e
44 | P a g e
अनब
ु ंध 9 : IPHS के अनस
ु ार PHC सिे के लिए प्रारूप
45 | P a g e
46 | P a g e
47 | P a g e
48 | P a g e
49 | P a g e
50 | P a g e
51 | P a g e
52 | P a g e
53 | P a g e
अिि
ु ध
ं 10 : संस्था आधाररत मात ृ मत्ृ यु समीक्षा प्रारूप
िोट: यह फॉमव होिे र्ािी सभी म्रत्यु के मिए भरे जािे चादहएI इसके अंतगवत गभवपात, एक्टोवपक
गेस्टे शि से सम्िंचधत मत्ृ य,ु गभावर्स्था समापि के 42 दििों के अन्द्िर गभवर्ती की मत्ृ यु सभी आते
हैं, चाहे ककसी भी समय या साईट पर हो I
माता की म्रत्यु के 24 घंटे के अंिर मात ृ म्रत्यु का फामव (कािवि कॉपी सदहत) भरें , ओररस्जिि फामव
संस्था में रहे गा एर्ं कािवि कॉपी को उस पररर्ार को िे दिया जायेगा स्जसमें म्रत्यु हुई है I
54 | P a g e
55 | P a g e
56 | P a g e
अनब
ु ंध 11 : IDSP प्रोजेक्ट प्रारूप
57 | P a g e
अनब
ु ंध 11 A : प्रारूप P साप्ताहिक ररपोहटिं ग प्रारूप – IDSP
58 | P a g e
अनब
ु ंध 11B: अनब
ु ंध 11 A : प्रारूप L साप्ताहिक ररपोहटिं ग प्रारूप – IDSP
59 | P a g e
अनब
ु ंध 11 C: पि
ू व चेतािनी के संकेतों / फैिने की तात्कालिक ररपोहटिं ग के
लिए प्रारूप
60 | P a g e
अनब
ु ंध 12: िैधाननक और ननयामक अनप
ु ािन की सच
ू ी
61 | P a g e
अनब
ु ंध 13 : संक्षक्षप्ती िब्दों की सच
ू ी
62 | P a g e
63 | P a g e
सन्द्दभव
64 | P a g e
IPHS को पन
ु ः तैयार करने िािे कायवदि के सदस्यों की सच
ू ी
65 | P a g e
स्र्ास््य सेर्ा महानििे शािय
स्र्ास््य एर्ं पररर्ार कल्याण मंत्रािय
भारत सरकार
66 | P a g e